Sunday, January 30, 2011

अनोखा घर

(मानते है की दुनियां ने बहुत तरक्की कर ली है आज के समय में, लेकिन वो जो एलिएअज़ है हमसे ज्यादा तरक्की पे है ....मनुष्य फिर भी उनको हराने का हर संभव प्रयास कर रहा है )
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एक दिन की बात है जब घनघोर घटा छाई  हुई थी चारो तरफ....... और एक घर जो की सुनसान पड़ा था...... वहां अचानक दो अनोखे विमान उतर आये,वहाँ  सोनू खड़ा होकर प्रकृति  के नज़ारे कर रहा था के अचानक बहुत तेझ की आवाज सुनाई दी........ और सोनू ने जो नजार देखा तो देख कर हैरान रह गया ...उस विमान में से कुछ अजीबो गरीब लोग उतर रहे थे और जैसे किसी चीज की तलाश में थे तभी उस के कदम वहां से उखर गए और वह घबराकर अपने घर की तरफ भागने लगा ......और अपने मोहल्ले वालो को इस घटना के बारे में बताया ....
फिर क्या था मोहल्ले वालों में अफरा तफरी सी मच गई और ...सब के सब अपने अपने घरों से औजार लाठी भला और बंदूकों के साथ उस हवेली की तरफ जंगल की ओर अपने कदम बढाने  लगे ....और फिर किसी ने इस बात की सुचना पुलीस को भी दे दी .....

लेकिन जब तक वहां गावं के लोग पहुचे तबतक वो सब अलिएन्ज़ अपना काम ख़तम कर के जा चुके थे ....
 दरअसल में वे अलिएन्ज़ उस गाँव की मिटटी का सेम्पल के लिए आये थे ....उनके कुराफाती दिमाग में एलिएन्ज़ की दुनिया को उपजाव भूमि में तब्दील करने की योजना चल रही थी ......

अतः उस समय सभी गाँव  वालों को वहां से निराश होकर आना पड़ा ....लेकिन सोनू की तो जैसे नींद और चैन जाती  रही ...
गाँव वालों ने जब उससे उनके हुलिए के बारे में पूछा तो सोनू ने बताया ....वे बिलकुल मनुष्य के जैसे ही थी लेकिन उनके  हाथ और पैर और मुह का नक्शा थोडा बदला बदला सा था और उनकी कद काठी एक साधारण मनुष्य से बड़ा  था .....

वे जिस विमान में आये थे उस बिमान का क्या कहना एक अनोखे से घर की सकल में था वोह विमान ...और उसमे एक बहुत बड़ा दरवाजा था ...उसी बिमान में साड़ी सुविधाए रही होंगी एहां  तक के वो विमान इतना बड़ा था के उस विमान पे एक और विमान के लैंड करने की जगह थी ......